मां बोली चलो मेरी जान अब और इंतजार नहीं होता
थोड़ी देर में हम घर पहुँच गये। क्योंकि रात के 12 बज गए थे, तो रूपाली सो गई थी। तो हमने दूसरी चाबी से गेट खोला, और अंदर चले गए। अन्दर जाते ही मैंने मुख्य दरवाज़ा लॉक किया, और राज ने सारा सामान वही हॉल में रखा। फिर मुझे पीछे से पकड़ लिया, और मेरे … Read more